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शिक्षा परिष्कृत करती है, हम सबका ही व्यवहार। यह परिष्कृत व्य ...
लोगों को भरपूर प्यार दीजिए इसलिए नहीं कि ये उनका अधिकार है ब ...
पिता के संस्कार और स्नेह धूप में छांव जैसे होते है ।। -© ...
एक अच्छा लेखक बनने की प्रथम सीढ़ी है, अच्छा पाठक बनना। -प्रव ...
ऐ ऊपरवाले! ग़र तू सबका है तो जमीं पे ये तमाशा क्यूं है। तेरा ...
इंशान को जकड दे जंजीरों में , वो धर्म नहीं है। जिसे करने से ...
"स्वयं खुश रहें,इसलिये आसपास खुशियां बिखेरिये।" प्रीति शर्म ...
जो अपने अपनों के लिए ख्वाब न बुन सके, जो सपने सपनों के लिए ...
समाज में रहते हुए हम सामाजिक न बन पाएं तो वह जीवन व्यर्थ है ...
मुस्कान भी गुफ्तगू का जरिया है, कुछ छिपाने के लिए , हसना पड़ ...
"why be unhappy about something if it can be remedied? and ...
जो बंधन सिर्फ सामाजिक है उस बंधन से क्या होगा | ...
एक धरती एक गगन फिर एक मानव अपने को दूसरे मानव से श्रेष्ठ क्य ...
"काश! अपने अंदर की बुराइयों को पहचान पाता"
स्वतन्त्रता को स्वच्छंदता का बाना न पहनाओ कुछ मान मर्यादा जम ...
तुम तो मुझे छोड़ निकल गई अपने अंतिम यात्रा पर, ये क्यूँ नहीं ...
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